भजन श्री भूतपुरी का
चलो चलो श्री भूतपुरी में हो रहे मंगळाचार ।। टेर।।
श्री श्रीकेशवाचार्य पिता घर, आनंद भयो अपार ।
कांतिमति सुकुमार प्रगट भये, आदि-शेष अवतार ।। १
श्रीरामानुज गौर वर्ण छबि, शोभा अपरम्पार ।
आज उन्हीं का दर्श करेंगे, जीवन सुफल विचार ।। ३
आये श्रीवैकुण्ठ लोकसे, जीवों के हितकार।
श्रीपति का आज्ञा पाकर, करन जगत उपकार ।। ३
श्री वैष्णव को दास गात यूं, चार वेदको सार।
एक बार रामानुज उच्चारण से, हो भव-भय बेडा पार ।। ४