॥ श्रीवरदराजाष्टोत्तरशतनामावलिः॥

ॐ श्रीनिधये नमः । 

ॐ भगवते नमः 
ॐ हस्तिगिरिमस्तकशेखराय नमः
ॐ प्रणतार्तिहराभिख्याय नमः 
ॐ पावनाय नमः 
ॐ पापनाशनाय नमः
ॐ अश्वमेधमखाराध्याय नमः 
ॐ हयमेधसमुद्भवाय नमः
ॐ विधातृयज्ञसम्भूताय नमः 
ॐ विधातृनयनेक्षिताय नम: १०
ॐ पुण्यकोटिविमानस्थाय नमः 
ॐ पुष्कराक्षाय नमः
ॐ वरप्रदाय नमः 
ॐ देवाधीशाय नमः 
ॐ देवराजाय नमः 
ॐ वरदाय नमः 
ॐ वैदिकप्रियाय नमः 
ॐ महादेवीपतये नमः 
ॐ मान्यमहर्षिस्तुतवैभवाय नमः 
ॐ भूतयोगिशठारातिपरकालादिसंस्तुताय नमः २० 
ॐ सर्वपूर्वसदाचार्यमंगलाशासितहर्षिताय नमः 
ॐ अनन्तसरसीतीर-पारिजाताय नमः 
ॐ परात्पराय नमः 
ॐ नीलमेघनिभाय नमः 
ॐ नित्यनिर्मलाय नमः 
ॐ विमलप्रथाय नमः
ॐ अर्थितार्थप्रदाय नमः 
ॐ अनर्थनाशनाय नमः 
ॐ शाश्वतार्थदाय नमः 
ॐ अव्याजकरुणामूर्तये नम:
ॐ आचार्यस्तुतिभूषणाय नम: ३० 
ॐ दिव्यसूरिमहासूक्ति-नित्यश्रवणहर्षिताय नमः 
ॐ श्राव्यवेदध्वनिप्रीताय नमः। 
ॐ वैदिकोत्तमसेविताय नमः 
ॐ वेदद्वितयनिष्णातवैष्णवाधीनवैभवाय नमः 
ॐ नित्योत्सवादिसन्तुष्टाय नमः 
ॐ निस्तुलाय नमः 
ॐ नित्यमंगलाय नम: 
ॐ सर्वाङ्गसुन्दराय नमः 
ॐ स्तोत्रप्रियाय नमः ४० 
ॐ प्रणतहर्षणाय नमः । 
ॐ ब्रह्माराधनसन्तुष्टाय नमः 
ॐ गजेन्द्राराधनप्रियाय नमः 
ॐ बृहस्पतिसमाराध्याय नमः 
ॐ भुजगाधीश्वरार्चिताय नमः 
ॐ मेषहस्तक्षसञ्जाताय नमः 
ॐ वैशाखोत्सवलालिताय नमः
ॐ निस्समाभ्यधिकाय नमः 
ॐ नित्यसूरिबृन्द-निषेविताय नमः 
ॐ संख्यातीत-नामागुणाम्भोधये नमः ५० 
ॐ सौन्दर्यैकमहानिधये नमः 
ॐ महादयालवे नमः 
ॐ वात्सल्यसिन्धवे नमः 
ॐ सौशील्यशेवधये नमः 
ॐ यामुनाचार्यभद्रोक्ति-भूषणाय नमः 
ॐ भूषणोज्ज्वलाय नमः 
ॐ यामुनार्यमनोभीष्टपूरकायनमः 
ॐ पुरुषोत्तमाय नमः 
ॐ देवराजाष्टकप्रीताय नमः 
ॐ काञ्चीपूर्णवशंवदायनम: ६०
ॐ श्रीकाञ्चीपूर्णकैकर्यहृष्टाय नमः  
ॐ पुष्टमनसे नमः 
ॐ प्रभवे नमः 
ॐ विन्ध्याटवीपरिक्लिष्टलक्ष्मणार्यप्रहर्षणाय नमः 
ॐ श्रीरामानुजयोगीन्द्र-विपत्प्रशमनाय नमः
ॐ विभवे नमः
ॐ रामानुजमहाचार्य-समर्पितपय:प्रियाय नमः 
ॐ षड्वार्तानुग्रहप्रीत-रामानुजगुरुस्तुताय नमः
ॐ श्रीवत्सचिन्हमिश्रार्यदिव्यसूक्तिसमुत्सुकाय नम 
ॐ वात्स्यश्रीवरदाचार्य-भाष्यप्रवचनप्रियाय नम: ७० 
ॐ श्रुतप्रकाशिकाचार्य-दिव्यसूक्तिविवर्धनाय नमः 
ॐ निगमान्तमहासूरिदिव्य-स्तुतिशतोज्ज्वलाय नमः 
ॐ लोकाचार्यमहाचार्य-ख्यापितार्थानुमोदनाय नमः 
ॐ रम्यजामातृयोगीन्द्रमंगला-शासनोज्ज्वलाय नमः
ॐ सर्वाङ्गसुन्दराय नमः 
ॐ सूरिपरिपन्नित्यसेविताय नमः 
ॐ काञ्चीविभूषणाय नमः 
ॐ कान्तस्मिताञ्चितमुखाम्बुजाय नमः 
ॐ काङ्क्षिताभ्यधिकानेकफलदात्रे नमः 
ॐ बलप्रदाय नमः ८० 
ॐ सर्वभूतसुहृदे नमः 
ॐ सर्वचित्तहारिणे नमः 
ॐ हरार्चिताय नमः 
ॐ वैकुण्ठयानवैरस्यप्रदात्रे नमः 
ॐ परदैवताय नमः 
ॐ पञ्चायुधविभूषाढ्याय नमः 
ॐ परत्वस्फोरकप्रभाय नमः 
ॐ प्रभाप्रभावविजितसहस्रादित्यमण्डलाय नम: 
ॐ राजाधिराजसंसेव्याय नमः 
ॐ हव्यवाहसमुत्थिताय नम: ९० 
ॐ अब्जपाणिपदाय नमः 
ॐ अम्भोजलोचनाय नमः 
ॐ लोचनामृताय नमः 
ॐ अमृताशनवैरस्यरदायकस्वावलोकनाय नमः
ॐ कनत्कनककेयूराद्यकलङ्कृतिविशोभिताय नमः
ॐ विशोषितभवाम्भोधये नमः। : 
ॐ अहेतुकदयानिधये नमः
ॐ अव्याजबन्धवे नमः 
ॐ आनन्दसिन्धवे नम: 
ॐ बन्धविमोचनाय नम: १००
ॐ शुभाश्रयाय नमः न: 
ॐ शुभान्वेषिणे नमः न: 
ॐ हेयप्रतिभटाय नमः
ॐ अच्युताय नमः
ॐ स्पृहणीयसदादृष्टये नम: 
ॐ भजनीयपदाम्बुजाय नमः 
ॐ रमणीयगुणस्तोमाय नमः 
ॐ स्मरणीयस्मिताधराय नम: १०८

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