॥ श्रीशठकोपाष्टोत्तरशतनामावलिः॥

श्रीशठकोपाष्टोत्तरशतनामावलिः

ॐ श्रीवरपराङ्कुशयोगीन्द्राय नमः 

 ॐ सेनेशांशावतारवते नमः 
 ॐ कुरुकानगरीनाथाय नमः 
 ॐ कारिपुत्राय नमः 
 ॐ जितेन्द्रियाय नमः 
 ॐ नागाम्बागर्भजाय नमः 
ॐ शान्ताय नमः 
 ॐ शठकोपाय नमः 
 ॐ महामुनये नमः 
 ॐ ताम्रपर्णीनदीतीरकृतदिव्यनिकेतनाय नमः 
 ॐ शेषांशतिन्त्रिणीवृक्षमूलकोटरसुस्थिताय नमः 
 ॐ स्तन्यपानादिरहिताय नमः 
 ॐ कौस्तुभामलविग्रहाय नमः 
 ॐ कल्यादिबहुधान्याब्दजाताय नमः 
 ॐ वृषभमासजाय नमः  
 ॐ विशाखायुक्तवैशाखपूर्णिमाभृगुवारजाय नमः
 ॐ कुलीरलग्नसम्भूताय नमः 
 ॐ पुण्डरीकनिभेक्षणाय नमः
 ॐ आदिनाथकृपापात्राय नमः
 ॐ वकुलाभरणाय नमः २० 
 ॐ कृतिने नमः
 ॐ प्रपन्नार्तिहराय नमः 
 ॐ पद्मासनोपविष्टाय नमः 
 ॐ पालिताशेषवैदिकाय नमः
 ॐ श्रीनगरीकृतवासभुवे नमः 
 ॐ रामानुजार्यसंयुक्तचरणाब्जयुगान्तिकाय नमः
 ॐ शङ्खपुष्करिणीप्रान्तदिव्यविमानाय नमः 
 ॐ जगद्गुरवे नमः 
 ॐ कुरुकानामसंयुक्तपक्षियुग्मनिषेविताय नमः
 ॐ आषोडशाब्दमौनस्थाय नमः ३० 
 ॐ परतत्त्वप्रबोधकाय नमः
 ॐ सौशील्यपूर्णाय नमः 
 ॐ मधुरकविसन्दर्शनप्रदाय नमः
 ॐ तदर्चितारूपाढ्याय नमः 
 ॐ भक्तिशास्त्रोपदेशकाय नमः 
 ॐ द्राविडोक्तिप्रकटितनिगमान्तार्थ वैभवाय नमः
 ॐ नाथार्यद्राविडाम्नायोपदेष्ट्रे नमः 
 ॐ परमार्थविदे नमः 
 ॐ विशिष्टाद्वैतसिद्धान्तनिदानाय नमः 
 ॐ करुणानिधये नमः 
 ॐ भगवद्धर्मप्रावृषेण्यवारिदाय नमः ४० 
 ॐ पापभञ्जनाय नमः 
 ॐ आगर्भज्ञानवते नमः 
 ॐ पूर्णज्ञानादिगुणभूषणाय नमः
 ॐ शठाख्यवातसङ्घातविभेदनविचक्षणाय नमः 
 ॐ सेनेशकृतचक्राङ्काय नमः 
 ॐ शङ्खचक्राङ्कितभुजाय नमः 
 ॐ फणापादाङ्कपुण्ड्रवते नमः 
 ॐ चिन्मुद्रामुद्रितकराय नमः
 ॐ कुञ्चितेतरहस्तभृते नमः 
 ॐ तुलसीनलिनाक्षादिरम्भिरलङ्कताय नमः 
 ॐ अष्टोत्तरशतस्थानविष्णुमूर्तिभिरावृताय नमः ५० 
 ॐ सर्वशास्त्रार्थ तत्त्वज्ञाय नमः 
 ॐ जीवेश्वरविभेदविदे नमः
 ॐ वेदान्तद्वयवक्त्रे नमः 
 ॐ वेदवेदाङ्गपारगाय नमः
 ॐ अष्टाक्षर द्वयानन्तमन्त्ररत्न प्रकाशकाय नमः 
 ॐ मन्दस्मिताय नमः
 ॐ वीतरागाय नमः 
 ॐ राकाचन्द्रनिभाननाय नमः 
 ॐ सर्वस्वीकृतपादाम्बुप्रसादाय नमः 
 ॐ साधुसम्मताय नमः 
 ॐ सर्वज्ञाय नमः ६० 
 ॐ सत्यसङ्कल्पाय नमः 
 ॐ शुचये नमः
 ॐ सुन्दरविग्रहाय नमः
 ॐ वैकुण्ठमार्गसन्दायिने नमः 
 ॐ निरङ्कशविभूतिदाय नमः 
 ॐ प्राप्यप्रापकरूपाय नमः
 ॐ ब्रह्मसूत्रोपदेशकाय नमः
 ॐ पञ्चकालप्रपन्नार्याय नमः 
 ॐ पञ्चार्थज्ञानदाय नमः 
 ॐ पञ्चपञ्चैकतत्त्वज्ञाय नमः ७० 
 ॐ पञ्चमाम्नायसारविदे नमः 
 ॐ श्रीरङ्गराजचरणांभोजसंसक्त मानसाय नमः 
 ॐ परकालादि परमद्वादशाचार्य वल्लभाय नमः
 ॐ संप्रदायप्रतिष्ठात्रे नमः 
 ॐ शुद्धान्तः करणाय नमः
 ॐ सुधिये नमः
 ॐ पाण्ड्यदेशाब्दमार्ताण्डाय नमः 
 ॐ परावरविदुत्तमाय नमः
 ॐ स्वदेशमात्रावशिष्टकल्यन्तब्राह्मणावृताय नमः 
 ॐ हंसमुद्रालसद्धस्ताय नमः ८० 
 ॐ यतिराजमनोञ्छिताय नमः
 ॐ अपारनिर्मल ज्ञानाय नमः 
 ॐ विष्णुशेषत्वबोधकाय नमः 
 ॐ श्रीपतिध्यान संयुक्ताय नमः
 ॐ कुदृष्टिमतभञ्जनाय नमः 
 ॐ मधुरालापसंयुक्ताय नमः 
 ॐ माधवासक्तमानसाय नमः 
 ॐ मादृशानन्दजनकाय नमः 
 ॐ महीमण्डलमण्डिताय नमः 
 ॐ लघूपायोपदेष्ट्रे नमः ९० 
 ॐ लक्ष्मीवैभववर्धकाय नमः
 ॐ स्त्रीभावानुभूतेशाय नमः 
 ॐ शृङ्गारायितभक्तिमते नमः 
 ॐ गाथासहस्रगीतेशाय नमः
 ॐ ब्रह्मानन्दैकनिर्वृताय नमः 
 ॐ सत्संप्रदायनिरताय नमः 
 ॐ सत्समृद्धिवराय नमः 
 ॐ जितेन्द्रियाय नमः 
 ॐ जितारातये नमः 
 ॐ दीर्घबन्धवे नमः 
 ॐ प्रशासित्रे नमः १०० 
 ॐ जगद्रक्षावताराय नमः
 ॐ जगन्मङ्गळदायकाय नमः 
 ॐ सर्वभूतहितावहाय नमः 
 ॐ सदानन्दाय नमः 
 ॐ कवीश्वराय नमः 
 ॐ न्यासयोगविशारदाय नमः 
 ॐ योगीश्वराय नमः 
 ॐ धीराय नमः १०८
श्रीशठकोपाष्टोत्तरशतनामावलिः

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